क्रिकेट के इतिहास में बहुत कम बार ऐसा होता है कि आप एक ही पारी में पांच शतक लगाए और आपकी टीम हार जाए, जी हां 20 जून को हेडिंग्ले में शुरू हुआ भारत बनाम इंग्लैंड के मैच में कुछ ऐसा ही देखने को मिला है।
भारत ने पहली पारी में तीन शतकों की मदद से 471 का विशाल स्कोर खड़ा करके पहली इनिंग्स में बढ़त हासिल कर ली, जिसमें गिल जायसवाल और पंत का शानदार शतक शामिल था।
जबकि दूसरी पारी में 364 के स्कोर पर पूरी टीम सिमट गई हालांकि दूसरी पारी में भी पंत और के एल राहुल ने शानदार शतक झड़ा लेकिन 371 का टार्गेट इंग्लैंड की टीम के लिए शायद छोटा रह गया।
इंग्लैंड अपनी दूसरी पारी में रन चेस करते हुए 371 का लक्ष्य आसानी ने पूरा कर लिया। इंग्लैंड ने अपने टेस्ट इतिहास का दूसरा सबसे सफल रन चेस कर एक नया इतिहास रच दिया। इस रन चेस में सबसे बड़ी भूमिका बेन डकेट और जैक क्रॉली की साझेदारी रही। दोनों ने 188 रन जोड़े। डकेट ने 149 रन की शानदार पारी खेली और जैक क्रोली ने 65 रन बनाए। बेन डकेट इससे पहले भी भारत के खिलाफ राजकोट में 153 रन की पारी खेल चुके है।

भारत की 5 सेंचुरी, फिर भी हार
भारत की 5 सेंचुरी, फिर भी हार। 148 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ की किसी टीम ने दोनों पारी मिलाके पांच शतक झड़े हो और टीम हार गई हो।
जी हां, भारत ने एक बार फिर अपनी बेटिंग में दमखम दिखाया लेकिन जीत की मंजिल तक नहीं पहुंच पाया। भारत की और से पांच बल्लेबाजों ने शतक झड़े फिर भी टीम को जीत की और नहीं ले जा पाए और इसी वजह से भारत शायद यह मुकाबला कभी नहीं भूल पाएंगे।
1st innings
यशस्वी जायसवाल 101(159)
शुभमन गिल 147(227)
ऋषभ पंत 134(178)
2nd innings
के एल राहुल 137(247)
ऋषभ पंत 118(140)
किन कारणों से भारत को मिली हार
कैच पकड़ो मैच जीतो : भारत ने इस टेस्ट मैच मे शुरुवात तो बहुत अच्छी की थी लेकिन फिर जब बोलिंग और फील्डिंग की बात आए तो किसी ने साथ नहीं दिया। अक्सर आप नंबर वन टीम से ऐसी उम्मीद नहीं कर सकते।
भारत ने इस मैच करीब 6 या 7 कैच छोड़े है जिसके कारण इंग्लिश बेटर भारत पे हावी होते नजर आए, और अगर व्यक्तिगत फील्डिंग की बात करे तो इनमे से आधे कैच तो यशस्वी जैसवाल के द्वारा छोड़े गए है।
लोअर ऑर्डर फ्लॉप: इस टेस्ट मे हमे भारत की और से पाँच शानदार शतक जरूर देखने को मिले है, लेकिन यह सभी शतक ऊपरी क्रम के बल्लेबाज की और से आए है अगर आप को एक टेस्ट मैच जितना है तो पूरी टीम को साथ देना होगा अगर भारत की पहली पारी की बात करे तो 430/3 स्कोर था लेकिन उसके बाद आखिर के 7 विकेट्स सिर्फ 41 रन की अंदर गिर जाते है और दूसरी पारी मे भी आखिर के 6 विकेट्स मात्र 31 रन की अंदर गिर जाते है
जस्सी जैसा कोई नई : कहते है “बिना सहकार नहीं उद्धार” बात करे गेंदबाजी की तो एकमात्र जसप्रीत बुमराह ही लय मे दिखे। जसप्रीत ने पहली पारी मे 83 रन दे कर 5 विकेट्स चटकाये और दूसरी पारी मे भी उन्होंने अपना बेस्ट दिया हालाकी दूसरी पारी मे वे विकेट नई ले पाए, लेकिन बात करे साथी बोलर की तो किसी ने जसप्रीत का साथ नहीं दिया जिसके कारण भारत को मिली हार।
अपनी पहली हार से क्या सीख ले सकते है कप्तान गिल
किसी भी प्लेयर की टेस्ट कप्तानी की शुरुवात इससे मुश्किल नहीं हो सकती थी। हालांकि एक मैच से आप किसी की कप्तानी का मूल्यांकन नहीं कर सकते, लेकिन कुछ ऐसे फेसले होते है जो बतौर कप्तान आपको लेने होते है। पहले टेस्ट को ध्यान मे रखते हुए गिल को अपने प्लेयर से फील्डिंग फुर्ती और बोलिंग रोटैशन मे ध्यान देना होगा यही भारत को जीत दिलाने मदद करेंगा।